ऑनलाइन FIR सिर्फ़ Non-Cognizable Crime के लिए हो सकती है, जिसका अर्थ है कि अभियुक्त के नाम का वॉरेंट निकला हो या फिर कोर्ट ने आदेश जारी किया हो. आपको बताते हैं कि कुछ आसान से स्टेप्स का पालन कर के आप कैसे ऑनलाइन FIR दर्ज करवा सकते हैं. ये FIR आपका सामान खोने या फिर कार चोरी होने पर करवाई जा सकती है.

(1) असंज्ञेय अपराध Non-Cognizable Crime
(2) संज्ञेय अपराध Cognizable Crime

यह अपराध का सिर्फ सतही, मोटे तौर का विवरण है एवम् इसमें बहुत सी विविधताए एवम् अपवाद है। आपको अपने अधिवक्ता अथवा पुलिस से अपराध (जिससे आप आरोपित है) की प्रकृति का पता लगाने का प्रयास करना चाहिए। दण्ड प्रक्रिया की विधि हर अपराध इन श्रेणीयो में वर्गीकृत करती है।
(1) संज्ञेय अपराध1.आप बिना मेजिस्ट्रेट के वारंट के गिरफ्तार किये जा सकते है।
2.अपराध के लिए मृत्यु दण्ड की सजा दी जा सकती है अथवा कारावास तीन वर्ष से अधिक है।
3.पुलिस बिना मेजिस्ट्रेट की आज्ञा अनुसंधान प्रारम्भ कर सकती है।

गैर जमानती अपराध - (1) जमानत अधिकार नहीं है।(वह ली या नही ली जा सकेगीं)
                                   (2) जमानत स्वीकार करने का निर्णय न्यायाधीश का होगा।
(2) असंज्ञेय अपराधआप सिर्फ वारंट द्वारा गिरफ्तार हो सकते है।
अपराध में सर्वाधिक कारावास तीन वर्ष से कम है
मेजिस्ट्रेट से आज्ञा लेने के पश्चात् ही पुलिस अनुसंधान प्रारम्भ कर सकती

जमानती अपराध - (1) जमानत एक अधिकार है।
                             (2) जैसे ही आप जमानत प्रस्तुत करते है, पुलिस को जमानत लेना अनिवार्य है।
NOTE - आपको जिन अपराधों से आरोपित किया गया है, यदि उनमें से एक भी संज्ञेय अपराध है, तो पूरे मामले को एक संज्ञेय केस की तरह माना जायेगा।
(1) असंज्ञेय अपराध Non-Cognizable Crime - असंज्ञेय अपराध की प्रकृति सामान्यतः निजी दोष (विवाह अथवा व्यक्तिगत प्रतिष्ठा अपराध) होती है अथवा अन्य अपराध जिनमें पुलिस का हस्तक्षेप वांछनीय नहीं हैं। 

(2) संज्ञेय अपराध Cognizable Crime - आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संज्ञेय अपराध की परिभाषा ऐसे अपराध के रूप में की गई है, जिसमें गिरफ्तारी के लिए पुलिस को किसी वारंट की जरूरत नहीं होती। संज्ञेय अपराध सामान्यतः गंभीर होते हैं जिनमें पुलिस को तुरन्त कार्य करना होता है। संज्ञेय अपराध मैं पुलिस बिना मेजिस्ट्रेट की आज्ञा अनुसंधान प्रारम्भ कर सकती है।

  1. देशद्रोह
  2. घातक आयुधों (हथियारों) से लैस होकर अपराध करना,
  3. लोकसेवक द्वारा रिश्वत मामला,
  4. बलात्कार,
  5. हत्या,
  6. लोकसेवक नहीं होने पर गलत तरीके से स्वयं को लोकसेवक दर्शाकर विधि विरुद्ध कार्य करना। जनता को ऐसा आभास हो कि संबंधित व्यक्ति लोकसेवक है।
  7. विधि विरुद्ध जमाव। योजना बनाकर गैर कानूनी कार्य करना। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना।



आवश्यक जानकारी
  • ऑनलाइन शिकायत एवं गैर नामजद / अज्ञात मामलों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस की नागरिक सेवाओं में “शिकायत” सुविधा द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करें |
  • ऑनलाइन एफआईआर केवल गैर नामजद / अज्ञात मामलों में ही पंजीकृत की जाएगी एवं अन्य मामलों में जाँच के उपरांत यदि आवश्यक हुआ तो एफआईआर / एनसीआर, सम्बंधित थानेदार द्वारा पंजीकृत कर ली जाएगी |
  • ऑनलाइन एफआईआर पंजीकृत कराने के लिए सम्बंधित थाना प्रभारी को सम्बोधित करते हुए स्व हस्ताक्षरित आवेदन पत्र व अपना एक पहचान पत्र की प्रति अपलोड करना अनिवार्य है I



वैसे तो भारत सरकार के अलग-अलग स्टेट की अलग-अलग वेबसाइट है जहां पर आप जाकर ऑनलाइन fir दर्ज करा सकते हैं लेकिन मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं इसलिए मैं आज आपको बताऊंगा कि कैसे हम उत्तर प्रदेश की पुलिस वेब पोर्टल से कैसे हम FIR दर्ज करा सकते हैं  
स्टाप 1
सबसे पहले आप अपने कंप्यूटर के इंटरनेट ब्राउज़र में जाएं और वहां पर उत्तर प्रदेश पुलिस पोर्टल वेबसाइट को ओपन करें
ऐसा करते ही कुछ इस तरह का पेज आपके सामने खुल जाएगा

पर किलिक   Create citizen login करके ID पासवर्ड पा सकते हैं और उसके बाद आसानी से आप ऑनलाइन fir दर्ज कर सकते हैं