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याचिका दायर करने की तरीका ? Procedure of Petition ?
याचिका का अर्थ है (Meaning of Petition )-
आवेदन पत्र,या वह प्रार्थना पत्र जो न्यायालय के सामने उपस्थितकिया जाता है; (पिटिशन)।
समादेश याचिका का अर्थ है(Meaning of writ Petition) -किसी राजनीतिक या विधिक आदेश के क्रियान्वयन को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में दाख़िल की गई याचिका या दरख़ास्त; (रिट)।
याचिकादाता का अर्थ है-(Meaning of Petitioner)- आवेदन पत्र देने वाला; अर्ज़ी देने वाला; प्रार्थना पत्र देने वाला।
परिचय- जनहित याचिका एक ऐसा माध्यम है, जिसमें मुकदमेबाजी या कानूनी कार्यवाही के द्वारा अल्पसंख्यक या वंचित समूह या व्यक्तियों से जुड़े सार्वजनिक मुद्दों को उठाया जाता है. आसान शब्दों में PIL न्यायिक सक्रियता का नतीजा है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति या गैर सरकारी संगठन या नागरिक समूह, अदालत में ऐसे मुद्दों पर न्याय की मांग कर सकता है, जिसमें एक बड़ा सार्वजनिक हित जुड़ा होता है. असल में जनहित याचिका, कानूनी तरीके से सामाजिक परिवर्तन को प्रभावी बनाने का एक तरीका है.
कोई भी भारतीय नागरिक जनहित याचिका दायर कर सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना होता है कि इसे निजी हित के बजाय सार्वजनिक हित में दायर किया जाना चाहिए. जनहित याचिका को केवल उच्चतम न्यायालच या फिर उच्च न्यायालय में दायर किया जा सकती है.
याचिका दायर जनहित याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता को संबंधित मामले की पूरी तहकीकात करनी चाहिए. अगर याचिका कई लोगों से संबंधित है तो याचिकाकर्ता को सभी लोगों से परामर्श कर लेना चाहिये. याचिका दायर करने के बाद उस व्यक्ति को अपने केस के सभी दस्तावेज और जानकारी मजबूत करने पड़ते हैं. अगर वो चाहे तो कोई वकील नियुक्त कर सकता है या चाहे तो खुद भी बहस कर सकता है.
क्या याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा सकती है- हा याचिका को उच्च न्यायालय में दायर किया जाता है, तो अदालत में याचिका की दो प्रतियां जमा की जाती हैं. इसी के साथ ही याचिका की एक प्रति अग्रिम रूप से प्रत्येक प्रतिवादी को भेजनी होती है और इसका सबूत याचिका में जोड़ना होता है.
अगर कोई याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर करता है तो अदालत में उसे याचिका की 5 प्रतियां जमा करनी पड़ती हैं. प्रतिवादी को याचिका की प्रति केवल तभी भेजी जाती है, जब अदालत के द्वारा इसके लिए नोटिस दी जाती है.
याचिका के लिए कितनी फीस देनी पड़ती है- इस याचिका को दायर करने की फीस काफी सस्ती होती है. याचिका के शामिल हर प्रतिवादी के अनुसार 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होता है. इसका विवरण याचिका में करना पड़ता है. पूरी कार्यवाही की बता करें तो ये उस वकील पर निर्भर करता है, जिसे याचिकाकर्ता ने अपनी तरफ से बहस के लिए नियुक्त किया है.
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