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मारपीट करने पर कानून - IPC Section - 323 324 325 326 & 307 308 in Hindi Explanation
Question : सर मेरा सवाल यह है कि अगर कोई आदमी किसी को मारता और पीटता
है और उसे घायल कर देता है तो उस केस में क्या कानून लागू होगा ताकि दोषी को सजा दिलवाई जा
सके??
Ans . मारपीट और घायल यह चोट पहुंचाने के केस में
कुछ IPC की धाराएं हैं वह कुछ इस प्रकार हैं जिसके तहत दोषी पर
कार्रवाई की जा सकती है और उसे सजा दिलाई जा सकती है
IPC की धारा 323: यदि कोई भी , किसी व्यक्ति के साथ हाथापाई
या चाटा मारपीट बुरा व्यवहार कर उपहति चोट या हानि पहुंचाता है तो यह मामला आईपीसी
की धारा 323 के तहत आता है यह अपराध जमानती और
समझौतावादी है साथ ही इस धारा के अंतर्गत पुलिस किए गए अपराध का सीधे-सीधे संज्ञान
नहीं ले सकती है अर्थात पुलिस बिना न्यायालय के वारंट के अभियुक्त को गिरफ्तार
नहीं कर सकती है आरोपी अगर दोषी करार दिया जाता है तो उसे अधिकतम 1 वर्ष तक का कारावास या
जुर्माना या दोनों हो सकते हैं इस दावे के दौरान दोनों पक्षों द्वारा समझौता किया
जा सकता है
नोट - साधारण मारपीट के केस में धारा
323 के तहत केस दर्ज होता है इसके लिए अदालत के आदेश के बाद पुलिस केस को दर्ज
करती है | अगर किसी के साथ कोई मारपीट करता है तो पीड़ित को पहले एम .एल. सी करा लेनी
चाहिए यानी मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट जिससे जब कोर्ट में शिकायत की जाए तो सबूत के
तौर पर सर्टिफिकेट दिखाया जा सके एमएलसी मारपीट के बाद किसी भी डॉक्टर से कराई जा
सकती हैं |
IPC की धारा 324 : आईपीसी सेक्शन 324 अगर साधारण मारपीट के दौरान
कोई किसी को घातक हथियार से जख्मी करता है तो यह मामला आईपीसी की धारा 324 के तहत आता है ऐसे मामलों में
शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर पुलिस FIR दर्ज करती है आरोपी दोषी करार
दिया जाता है तो उसे अधिकतम 3 साल कैद हो सकती है यह अपराध
गैर जमानती और गैर समझौतावादी है साथ ही संघीय भी है बाद में दोनों पक्षों में
समझौता भी हो जाए तो भी FIR की कोर्ट की इजाजत से ही खत्म
हो सकती है
IPC की धारा 325:- अगर कोई शख्स किसी को गंभीर
चोट पहुंचाता है तो आईपीसी की धारा 325 के तहत केस दर्ज होता है यह
मामला भी संगीन है लेकिन समझौतावादी है साथ ही यह जमानती अपराध भी है
IPC की धारा 326:-अगर कोई शख्स किसी घातक हथियार
से किसी को गंभीर रुप से जख्मी कर दे तो आईपीसी की धारा 326 के तहत केस दर्ज होता है किसी
को चाकू मारना किसी अंग को काट देना या ऐसा जख्मी कर देना जिससे जान को खतरा हो
ऐसे अपराध इसी कैटेगरी में आते हैं अगर किसी के साथ मारपीट कर कोई हड्डी या दांत
तोड़ दे तो भी धारा 326 के तहत ही केस दर्ज होता है यह
गैर जमानती और गैर समझौतावादी अपराध है दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद या उम्र कैद हो
सकती है
IPC की धारा 307: अगर किसी पर कोई उसकी जान लेने की नियत से हमला करता है तो आरोपी पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) का केस दर्ज होता है इसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक हो सकती है
IPC की धारा 308: अगर कोई शख्स किसी पर अटैक करें और इस कारण जान को खतरा हो जाए लेकिन आरोपी की नियत जान लेने की ना हो तो गैर इरादतन हत्या का प्रयास ज्ञानी आईपीसी की धारा 308 के तहत केस दर्ज हो सकता है दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 साल के हो सकती है
अधिक जानकारी के लिए आप यह विडियो भी देख सकते हैं
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4 Comments
Yadi maarpeet huyi hai f.I.r bhi ho gaya hai police ke dvara sarkari medical bhi hua hai,lekin dusre paksh ne cross case kar diya ho wo bhi jila star se medical bhi private ho to kya hoga
ReplyDeleteWo bhi fake f.I.r fight ke 25 din baad ki gayi hai,aur unko maar nhi padi balki maara h..hum logo ne sulah nhi kiya isliye jhoota medical banvaya aur unke ek gawah ka video hai jisme usne bataya hai unka haath unke ladke ne today tha 1month pahele ,aur hum log sulah nhi karna chahte hai to kya kre
ReplyDeleteJab ham us matter me involve nahi fir bhi apna nam aa raha hai to kya kre
ReplyDeleteJhuta FRI police wale thode se paise le k banate hai .
ReplyDeleteJis se zulm aur bhi bhadta hai.