IPC
आईपीसी की धारा 511 | IPC ki dhara 511 in hindi | इंडियन पीनल कोड | इंडियन कानून - प्रयत्न करना,कोशिश करना,आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दण्ड
विवरण:
यदि कोई व्यक्ति इस संहिता द्वारा आजीवन कारावास की सजा से या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का,या ऐसा कोई अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा,
और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दिशा में कोई कार्य करेगा,जहां पर ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई स्पष्ट रूप से कथित प्रावधान इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है,
तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे आजीवन कारावास से आधी अवधि तक या उस अपराध के लिए उपबन्धित दीर्घतम अवधि से आधी अवधि तक बढ़ाया जा सकता है,
या उस अपराध के लिए उपबन्धित आर्थिक दंड से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध लागू:
आजीवन कारावास से या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का प्रयत्न करेगा, तब यह धारा लागू होती है
सजा: आजीवन कारावास या अधिकतम सजा की अवधि से आधी अवधि के लिए कारावास की सजा या आर्थिक दंड या दोनों हो सकते हैं
इस अपराध में जामनती या गैर जमानती होना अदालती कार्रवाई और अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
या फिर आप ऐसे समझ लीजिये
जमानत,संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
इस तरह के अपराध में जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
संघीय अपराध असंघीय अपराध
*** ***
अपराध की प्रवर्ती: यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
यदि कोई व्यक्ति इस संहिता द्वारा आजीवन कारावास की सजा से या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का,या ऐसा कोई अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा,
और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दिशा में कोई कार्य करेगा,जहां पर ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई स्पष्ट रूप से कथित प्रावधान इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है,
तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे आजीवन कारावास से आधी अवधि तक या उस अपराध के लिए उपबन्धित दीर्घतम अवधि से आधी अवधि तक बढ़ाया जा सकता है,
या उस अपराध के लिए उपबन्धित आर्थिक दंड से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध लागू:
आजीवन कारावास से या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का प्रयत्न करेगा, तब यह धारा लागू होती है
सजा: आजीवन कारावास या अधिकतम सजा की अवधि से आधी अवधि के लिए कारावास की सजा या आर्थिक दंड या दोनों हो सकते हैं
इस अपराध में जामनती या गैर जमानती होना अदालती कार्रवाई और अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
या फिर आप ऐसे समझ लीजिये
जमानत,संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
इस तरह के अपराध में जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
संघीय अपराध असंघीय अपराध
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अपराध की प्रवर्ती: यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
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1 Comments
Marpeeth
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