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अगर कहीं पर शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका हो और अगर पुलिस को ऐसा लगता है तो पुलिस सीआरपीसी की धारा 107 116 के तहत कार्यवाही कर देती है उसके बाद आरोपी व्यक्तियों को एसडीएम या एसडीएम कोर्ट जाकर अपनी जमानत करानी होती है






लेकिन कई बार ऐसा हुआ है कि अगर कोई किसी व्यक्ति को कोई जान से मारने की धमकी देता है या लड़ने झगड़ने का प्लान बना रहा है तो ऐसी कंडीशन में जब शिकायतकर्ता पुलिस में जाकर के शिकायत करता है तब पुलिस झगड़े की आशंका को देखते हुए 107 और 116 के तहत शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यवाही करती है और साथ में शिकायतकर्ता की शिकायत पर रिपोर्ट भी दर्ज करती है,











अगर पुलिस को कोई सूचना देता है किया पुलिस मौका ए वारदात पर मौके पर पहुंच जाती है और अपने सामने लड़ाई झगड़ा होते हुए देख पुलिस शांति व्यवस्था भंग होने के आरोप में दोनों पक्षों को आरोपी मानते हुए सीआरपीसी की धारा 107 116 और 151 के तहत चलाना करती है और दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार करती है,पुलिस आरोपियों को 24 घंटे के अंदर एसडीएम कोर्ट या ए.एस.डी.एम. कोर्ट में उपस्थित करती है जहां पर आरोपी व्यक्तियों को अपनी जमानत करानी होती है जमानत इस आधार पर मिलती है कि वह अगले 6 महीने तक कोई लड़ाई झगड़ा या शांति व्यवस्था भंग नहीं करेंगे






कभी-कभी पुलिस इस कानून का दुरुपयोग भी करती है और ऐसा कई बार देखा गया हैलोगों को ठगने के लिए वर्दी का रौब झाड़ती है और उन्हें डरा धमका कर उनसे पैसे वसूल करती है,











ऐसे बहुत सारे ऐसे तरीके हैं जिनके आधार पर पुलिस लोगों को शांति व्यवस्था भंग होने के संबंध में आरोपी मानते हुए यह कार्यवाही करती है






अगर पुलिस इस तरह की कार्यवाही कर देती है तब आरोपी व्यक्ति को चाहिए तो वह अपनी कोर्ट जाकर जमानत कराएं इसके लिए वह एक वकील की मदद ले सकता है,






अगर आरोपी व्यक्ति पर शांति व्यवस्था भंग होने का अंदेशा है

तो पुलिस सीआरपीसी की धारा 107 और 116 के तहत कार्यवाही

करती है इसके बाद

आरोपी व्यक्ति कूट जाकर अपनी जमानत करा सकता है
















लेकिन अगर कहीं शांति व्यवस्था भंग हो रही है या ऐसा कोई बड़ा

अंदेशा है

जिससे कोई बड़ी घटना हो सकती है तब पुलिस सीआरपीसी की

धारा 107 116 और 151 के तहत चालान करके आरोपी व्यक्तियों को

गिरफ्तार करती है और उन्हें एसडीएम कोर्ट में उपस्थित करती है

उसके बाद आरोपी व्यक्ति के घर वाले आरोपी व्यक्तियों की जमानत

करा सकते हैं अगर जमानत नहीं होती है तो आरोपी व्यक्ति जेल चले

जाते हैं






अगर ऐसी कोई कंडीशन है तो आप इस तरह से बेल एप्लीकेशन लिख

सकते हैं जिसे हम जमानत प्रार्थना पत्र भी कहते हैं




सबसे ऊपर कोर्ट का नाम डालेंगे जहां पर ब्लू कलर का है

जैसे A.S.D.M कोर्ट या ए S.D.M कोर्ट






उसके बाद नंबर मुकद्दमा लिखेंगे जैसे- न० मु०-































उसके बाद फरीकन नाम लिखेंगे



जैसे- सरकार VS राहुल कुमार






उसके बाद उस थाने का नाम लिखिए जिस थाने से आरोपी व्यक्ति

के खिलाफ कार्यवाही या चालान हुआ है जैसे- थाना-निधौलीकला






उसके बाद जमानत प्रार्थना पत्र का टाइटल लिखेंगे जैसे -


जमानत प्रार्थना पत्र मिनजनिव राहुल कुमार पुत्र प्यारेलाल,

निवासी गांव-ABC थाना- DEF जिला XYZ






उसके बाद आप प्रार्थी की प्रार्थना का टाइटल लिखेंगे जैसे-


प्रार्थी निम्न निवेदन करता है कि






उसके बाद आप लगायत लिखेंगे जैसे कि मैंने दिए हुए फॉरमैट में

1 से लेकर 7 तक लिखे हैं सातों लगायत में लगायत न० चार को

छोड़कर आपको कुछ भी बदलाव नहीं करना है सिर्फ आपको चौथी

लगायत में ही बदलाव करने हैं











* इसमें चौथी लगायत को ध्यानपूर्वक पढ़ें अगर आरोपी व्यक्ति को

गिरफ्तार नहीं किया गया है तो चौकी लगाया को इस तरह लिखेंगे





4. यह कि प्रार्थी के खिलाफ थाना- ……………... की पुलिस ने

सीआरपीसी की धारा 107 116 के तहत कार्यवाही कर दी है,





लेकिन अगर आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है तब आप

चौकी लगायत को इस तरह लिखेंगे





4.यह कि प्रार्थी के खिलाफ थाना……………….. की पुलिस ने

सीआरपीसी की धारा 107 116 151 के तहत चलाना करके गिरफ्तार

कर लिया है





लेकिन अगर आरोपी व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज

दिया है तब चौथी लगायत को इस तरह लिखेंगे





4.यह कि प्रार्थी के खिलाफ थाना…………………..की पुलिस ने

सीआरपीसी की धारा 107 116 और 151 के तहत चलाना करके जेल

भेज दिया है


बाकी का सब कुछ आप जैसे मैंने लिखा है वैसा आप लिख सकते हैं

और अगर आरोपी व्यक्ति मौजूद है तो उसके साइन कराएं अगर नहीं है

तब साइन नहीं ना कराएं


इस तरह से आप जमानत प्रार्थना पत्र लिख कर सकते हैं








उसके बाद आपको मुचलका भरना होता है,मुचलका कुछ इस तरह का दिखता है








उसके बाद आप जमानत नामा भरेंगे एक आरोपी की जमानत कराने के

लिए 2 जमानती की जरूरत होती है, इसलिए एक जमानती सेट में दो

जमानत नामा और एक मुचलका होता है एक जमानत नामा मैं आपको

यहां दिखा रहा हूं जमानत नामा इस तरह का होता है











इस तरह के दोनों जमानत नामा आप दोनों जमानती के प्रॉपर्टी के कागज

जैसे -प्रॉपर्टी का बैनामा की फोटो कॉपी या प्रॉपर्टी की फद्द के अनुसार से

भर दीजिए उसके बाद प्रॉपर्टी का जो भी दस्तावेज शामिल कर रहे हैं उस

पर एक रुपए की टिकट और एक फोटो जमानती के अनुसार लगाएं,आप

दोनों जवानों की प्रॉपर्टी के कागज पर एक एक रुपए की टिकट और

एक-एक फोटो लगाएंगे,






जब आप यह दस्तावेज तैयार करने तब आपको चाहिए कि आप सबसे

पहले जमानत अर्जी यानी की जमानत प्रार्थना पत्र लगाएं उसके बाद

न्यायालय उप जिला मजिस्ट्रेट नोटिस लगाएं उसके बाद दोनों जमा

नदियों की जमानत नामा लगाएं उसके बाद मुचलका लगाएं उसके बाद

दोनों जवान अंखियों के प्रॉपर्टी के कागज की कॉपी लगाएं उसके बाद दोनों

जवान अंखियों के सेल्फ अटेस्टेड आधार कार्ड की कॉपी लगाएं उसके बाद

वकील अपना वकालतनामा लगाता है इस तरह सीआरपीसी की

धारा 107 116 और 151 की जमानती कागज इस तरह कंप्लीट हो

जाएंगे उसके बाद वकील उन दस्तावेजों को उपरोक्त को ले जाएगा

और आरोपी


व्यक्तियों की जमानत कराएगा











आप जमानत अर्जी की एमएस वर्ड की सॉफ्ट कॉपी आप यहां से डाउनलोड

कर सकते हैं









Bail Application for 107,116,151 Download here