विवरण:-
IPC की धारा 141 :- विधिविरुद्ध जनसमूह ( Unlawful assembly ) :- पांच या अधिक व्यक्तियों का जनसमूह विधिविरुद्ध जनसमूह कहा जाता है, यदि उन व्यक्तियों का, जिनसे वह जनसमूह संस्थापित हुआ है, समान उद्देश्य निम्न हो --


  1. केंद्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान-मंडल को, या किसी लोक सेवक को, जब कि वह ऐसे लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो, आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करना हो, अथवा
  2. किसी क़ानून के, या किसी क़ानूनी प्रक्रिया के, निष्पादन का प्रतिरोध करना, अथवा
  3. किसी कुचेष्टा या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना, अथवा
  4. किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, किसी संपत्ति का कब्जा लेना या प्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग या जल के अधिकार के उपभोग से, या अन्य निराकार अधिकार जिसका उसे अधिकार हो या जिसका वह उपभोग करता हो, से वंचित करना या किसी अधिकार या अनुमित अधिकार को लागू कराना, अथवा
  5. आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी व्यक्ति को वह करने के लिए, जिसके लिए वह क़ानूनी रूप से आबद्ध न हो या किसी कार्य का लोप करने के लिए, जिसे करने का वह क़ानूनी रूप से हकदार हो, विवश करना।
स्पष्टीकरण (Explanation):- कोई जमाव,जो इकठ्ठा होते समय विधिविरुद्ध नहीं था,बाद को विधिविरुद्ध जनसमूह हो सकेगा।