विवरण:- यदि कोई भी, साधारण मारपीट करते समय किसी व्यक्ति को गंभीर चोट या हानि पहुंचाता है तो यह मामला आईपीसी की धारा 325 के तहत आता है
अपराध लागू:- साधारण मारपीट करते समय किसी व्यक्ति गम्भीर चोट जैसे;-  साधारण मारपीट के दौरान दांत तोड़ देना, हड्डी फैक्चर कर देना आदि, इस तरह के अपराध में यह धारा लागू होती है, इस धारा के अंतर्गत पुलिस किये गए अपराध का संज्ञान ले सकती है अर्थात शिकायती के बयान के आधार पर पुलिस सीधे एफ आई आर दर्ज करती है, और किए गए अपराध की विवेचना करती है
अगर आरोपी व्यक्ति पर कोर्ट में आरोप साबित होता है तो उसे अधिकतम 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना भी देना पड़ सकता है इस दौरान दोनों पक्षों में समझौता होता है किया जा सकता है


सजा:- वर्ष कारावास और जुर्माना भी देना पड़ सकता है

यह एक जमानती अपराध है
यह एक संज्ञेय अपराध भी है
यह अपराध किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा सुना जा सकता है
यह अपराध कोर्ट के अनुमति पर यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसके चोट पहुँची है) के द्वारा समझौता करने योग्य है।