विवरण:-
IPC की धारा 363 :- यदि कोई व्यक्ति भारत से या किसी क़ानूनी अभिभावक की संरक्षकता से किसी का अपहरण करगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए अदिकतम सात वर्ष के कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।
सजा:-
एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है + जुर्माना।
यह एक जमानती अपराध है।
यह एक संज्ञेय अपराध भी है।
यह अपराध प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा सुना जा सकता है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।