IPC
आईपीसी की धारा 394 | IPC ki dhara 394 in hindi | इंडियन पीनल कोड | इंडियन कानून - लूटपाट करने में स्वेच्छा से चोट पहुंचाना ( Voluntarily causing hurt in committing robbery )
विवरण:-
आई पी सी की धारा 394 के अनुसार,यदि कोई व्यक्ति डकैती करने का प्रयास करता है, और स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, तो ऐसे व्यक्ति को, या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति को, जो संयुक्त रूप से इस डकैती को अंजाम देने या करने का प्रयास करता है,उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
नोट:- लूट करने, या लूट का प्रयत्न करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाने पर ही यह धारा लागू होती है।
सजा:-
आजीवन कारावास या 10 वर्ष कठिन कारावास + जुर्माना।
यह एक गैर-जमानती अपराध है।
यह एक संज्ञेय अपराध भी है।
यह अपराध प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा सुना जा सकता है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
यह एक गैर-जमानती अपराध है।
यह एक संज्ञेय अपराध भी है।
यह अपराध प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा सुना जा सकता है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
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