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Hadis on Pestilence ﷺ महामारी पर हदीस ﷺ बुखारी - 5729,5771 ﷺ
बुखारी – 5771
सैयदना उमर पुत्र
अल-खत्ताब अपने दौरे खिलाफत शाम देश के लिए गये थे, तो जब शाम देश के करीब पहुंचे
तो शाम देश के जो आर्मी में थे, अबू 'उबैदा पुत्र अल-जर्राह(मुस्लिम) सेना के कमांडर) अपने साथियों के साथ वो शाम देश से बाहर ही लेने आ गए थे, और उसने
बताया कि शाम देश में महामारी फैल गई है। तब हजरत
उमर ने वहीं पर पड़ाव डाल लिया और वहीं पर रुक गए और कहा सहाबा-ए-इकराम से मशवरा
किया जाएगा कि हमें महामारी वाली जगह जाना चाहिए या फिर नहीं जाना चाहिए,
तो सहाबा-ए-किराम
में दो राय बन गई।
कुछ सहाबा-ए-किराम
ने कहा- हम
एक उद्देश्य के लिए निकले हैं और हम यह नहीं सोचते हैं कि इसे छोड़ देना उचित है, और हमें अल्लाह की तकदीर से नहीं भागना चाहिए
अगर हमारी किस्मत में बीमारी से मौत लिखी होगी तो आ जाएगी,
जबकि अन्य सहाबा-ए-किराम
ने कहा- हम उमर के साथ हैं, तब हजरत उमर ने वहां मोजूद सहाबा-ए-किराम से परामर्श किया और सभी ने एकमत होकर कहा-
"हम सलाह देते हैं कि आपको लोगों के साथ
वापस जाना चाहिए और उन्हें महामारी के उस स्थान पर नहीं ले जाना चाहिए।
अल्लाह
के रसूल (ﷺ) की सलाह नहीं है कि हम उन्हें इस महामारी में ले जाएं।
"तो` उमर
ने एक घोषणा की, "मैं सुबह मदीना वापस चला जाऊंगा, इसलिए आपको भी यही करना चाहिए।"
तब हजरत उबैदा पुत्र
अल-जर्राह ने हज़रत उमर से कहा-आप अल्लाह के द्वारा किए गए तकदीर(नियती द्वारा तय दोषों) से दूर भाग रहे हैं?
हजरत उमर ने कहा काश
हजरत उबैदा के सिवा किसी और ने यह बात कही होती
इसके बाद हजरत उमर
ने हजरत उबैदा से कहा- अगर तुम ऊट पालते हो,तुम्हारे पास तो घाटिया हो एक घाटी बंजर हो और एक घाटी में हरी घास हो तो तुम किस घाटी में अपने ऊट
लेकर जाओगे
हजरत अबू उबैदा ने
जवाब देते हुए कहा- हरी घास में
हजरत उमर ने कहा तो
तुम बंजर जमीन में क्यों नहीं लेकर जाओगे क्योंकि तुम समझ रहे हो कि यहां पर तुम्हें
फायदा है
हम अल्लाह की एक
तकदीर से दूसरी तकदीर की तरफ जा रहे हैं
ये भी हमें अल्लाह ही
ने अकल दी है कि हम ऐसी जगह न जाएं जहां पे वबा (बीमारी) फैली हो!!
"उस समय` अब्दुर-रहमान पुत्र औफ, जो कुछ काम की वजह से अनुपस्थित थे, वहां आ गये जब उन्होंने यह सुना तब उन्होंने कहा,"
मैंने
अल्लाह के रसूल (ﷺ) को यह कहते हुए सुना है तुम जहां कहीं सुनो कि वबाई मर्ज (बीमारी महामारी) फैल गयी है तो तुम उस इलाके में मत जाओ और उस
इलाके के लोग उस इलाके को छोड़कर बाहर ना निकले,
हजरत उमर ने कहा अल
हमदुलिल्लाह मेरा इज्तेहाद(विचार) जो हुजूर की हदीस के मुताबिक निकला मैंने भी यही
इज्तेहाद किया था
अब्दुर-रहमान पुत्र औफ
ने आगे कहा के नबी अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया जो लोग वहां पे रहगे वो अल्लाह की तकदीर
पर राजी रहे!!
अल्लाह की तरफ रुजू(भरोसा) रखें अगर अगर अल्लाह ने उसकी किस्मत
में बीमारी लिखी है तो होगी, और इस
बीमारी में अगर मेरी उम्मत का जो भी शख्स ताऊन के मर्ज में मरेगा अल्लाह के हुजूर शहीद तसव्वर होगा
यह सुनकर हजरत उमर ने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और मदीना लौट आये।
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बुखारी – 5771
अल्लाह के रसूल ने कहा:-
किसी बीमारी से पीड़ित मवेशी या व्यक्ति को स्वस्थ मवेशियों या व्यक्तियों के साथ
नहीं मिलाया जाना चाहिए,( सावधानी के तौर पर)-----------------------------------------------------------------------
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