सूरह अंबिया आयत न. 33 या 21:33
"और वही है जिसने रात और दिन और सूरज और चाँद को पैदा किया। प्रत्येक एक परिधि में तैर रहा है।  And it is He Who created the night and the day and the sun and the moon. Each one is floating in a circumference. "

अल्लाह ने सबसे पहले नूर से फरिश्तों को पैदा किया,
उसके एक समय के बाद अल्लाह ने धरती जमीन आसमान को पैदा किया,अल्लाह ने कुरान में यू बया किया है

सूरह आराफ़ आयत न.54
निस्संदेह, आपका भगवान अल्लाह है, जिसने छह दिनों में आकाश और पृथ्वी की रचना की, फिर खुद को उसकी गरिमा के लिए सिंहासन पर स्थापित किया। वह रात और दिन को एक दूसरे के पीछे तेजी से ढँक देता है, और सूरज और चाँद और सितारों को अपनी आज्ञा के अधीन कर देता है। निहारना! उसकी रचना और आज्ञा है। वही अल्लाह है ,संसारों का रब।
Undoubtedly, your Lord is Allah, Who created the heavens and earth in six days, then established Himself on the Throne befitting to His Dignity. He covers the night and day by each other following it swiftly, and made the sun and moon and stars all subservient to His command. Behold! His is the creation and command. Blessed is Allah, the Lord of the Worlds.
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सूरह फुस्सीलत आयत न. 9 या 41:9
"ऐ रसूल तुम कहो, 'क्या तुम उस पर विश्वास नहीं करते, जिसने दो दिन में पृथ्वी को बनाया? और क्या तू उसके तुल्य ठहराता है' वही सारे जगत का रब है।  Say you, 'Do you indeed disbelieve in Him who made the earth in two days? And do you set up equals to Him' That is the Lord of the entire world."
सूरह बकर आयत न. 29 या 2:29
''He it is Who created for you all that is in the earth, then turned toward the heaven, then formed seven heavens correctly and He knows all and every thing.''
''वही है जिसने तुम्हारे लिए वह सब पैदा किया जो पृथ्वी पर है, फिर स्वर्ग की ओर फिरा, फिर सात आकाशों को ठीक से रचा और वह सब कुछ जानता है और हर चीज वाकिफ़ है।''
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अल्लाह ने एक समय बाद जिन्नात को आग के दहकते अंगारों से पैदा किया,अल्लाह ने कुरान में यू बया किया है
सूरह अल हिज्र आयत न. 27 या 15:27
''और हमने उससे पहले जिन्न को धुंआ रहित आग से बनाया है।  And We have made Jinn before it from the smokeless fire.''

एक समय के बाद अल्लाह ने आदम (इंसान) को मिट्टी से पैदा किया,अल्लाह ने कुरान में यू बया किया है
सूरह अल मोमिनून आयत न. 12 या 23:12       और 23:14, 22:5, 40:67
  "और निश्चय ही हमने मनुष्य को मिट्टी के रस से बनाया है। And assuredly, We made man from the extract of clay."

सूरह अल हिज्र आयत न. 26 या 15:26
"और वास्तव में हमने मनुष्य को बजती मिट्टी से बनाया है जो वास्तव में काली महक वाली मिट्टी थी।And verily We have made man from ringing clay which was in reality black smelling mud."

जिन्ना की क़ोम से एक जिन्न जिसका नाम इब्लीस था,अल्लाह की इबादत में इस तरह मशहूल रहता कि दुनिया के चप्पे-चप्पे पर उसका सजदा था, पूरी जिन्नात और फरिश्तों की कॉम में सबसे ज्यादा इबादत गीर था,जिन्नातों की कॉम इस तरह धरती पर फल-फूल रही थी कि धरती पर कुछ जिन्नातों का रहने का ठिकाना नहीं रहा, इसलिए अल्लाह ने जिन्नात की कोम के गिरोह से खुश होकर जिन्नात के एक गिरोह को हवा में रहने की इजाजत दे दी,और जिन्नात इब्लीस को फरिश्तों का सरदार बना दिया,

अल्लाह ने फरिश्तों से कहा कि मैं मिट्टी से धरती पर एक कौम पैदा करने वाला हूं फरिश्तों ने अल्लाह से कहा या अल्लाह ऐसी कौन क्यों पैदा करेगा जो धरती पर फसाद डालेगी,अल्लाह ने कहा जो मैं जानता हूं वह तुम नहीं जानते,

फिर अल्लाह ने एक समय के बाद गीली मिट्टी से आदम को पैदा किया और अल्लाह ने सभी फरिश्तों से कहा कि आदम को सजदा करो
अल्लाह के कहने पर सभी फरिश्तों ने आदम को सजदा किया लेकिन इब्लीस ने नहीं किया जो कि सभी फरिश्तों का सरदार था,
अल्लाह ने इब्लीस से कहा कि आदम को सजदा करो,
इब्लीस ने जवाब दिया कि मैं आदम को सजदा नहीं करूंगा अल्लाह ने कुरान में यू बया किया है।

सूरह इस्त्र आयत न. 61 या 17:61
"और जब हमने फ़रिश्तों को आदम के आगे सजदा करने का हुक्म दिया,तो इबलीस के सिवा सब सजदा करने लगे। उसने कहा, 'क्या मैं उसे दण्डवत करूँ जिसे तू ने मिट्टी का बनाया है।'  And when We commanded angels to prostrate before Adam, then they all prostrated except the Iblis. He said, 'shall I prostrate before him whom you have made of clay.?"



इब्लीस ने अपने इबादत पर घमंड किया उसने सोचा कि मेरी इबादत दुनिया के चप्पे-चप्पे पर है और अल्लाह का मैंने हर हुक्म माना है और उसकी पैरवी की है अल्लाह का एक हुक्म की पैरवी नहीं करूंगा तो क्या फर्क पड़ता है
सूरह साद आयत न. 75 या 38:75
  "Allah said, O lblis', 'what hindered you from falling prostrate before that which I made with My own hands? Have you been proud or you were indeed among haughty ones?  
अल्लाह ने कहा, ऐ एलब्लिस, 'जो मैंने अपने हाथों से बनाया था, उसके आगे सजदा करने से तुम्हें क्या रोक दिया? क्या तुझको अभिमान हुआ है या वास्तव में तू अभिमानियों में से है?"

  "उस ने कहा, मैं उस से अच्छा हूं, तू ने मुझे आग से बनाया और इसे (आदम को) मिट्टी से बनाया है।He said, 'I am better than he, You have made me of fire and created him of clay'."


अल्लाह ने कहा कि मेरा हुक्म है आदम को सजदा करो,
इब्लीस ने कहा कि मैं तेरे इस हुक्म को नहीं मानता :मुझे तूने आग से बनाया है और तूने आदम को मिट्टी से पैदा किया है मिट्टी और आग में आग अब्बल है इसलिए मैं आदम को सजा नहीं करूंगा,
सूरह आराफ़ आयत न.11
और निस्संदेह, हमने तुम्हें बनाया, फिर तुम्हारी आकृतियाँ बनाईं, फिर हमने स्वर्गदूतों से कहा, 'पहले आदम को साष्टांग प्रणाम करो, फिर वे सब गिर गए, लेकिन इबलीस (शैतान); वह सज्दा करने वालों में से नहीं था।
And undoubtedly, We created you, then made your shapes, then We said to the angels, 'prostrate before Adam, then all those fell prostrate, but Iblis (devil); he was not of those who prostrated.
सूरह आराफ़ आयत न.12
तुम्हारे रब ने कहा, 'तुम्हें किस बात ने रोका कि जब मैंने तुम्हें आज्ञा दी तो तुम सजदे में न गिरे? उस ने कहा, मैं उस से अच्छा हूं, तू ने मुझे आग से बनाया, और आदम को मिट्टी का बनाया है।'
He said, 'what prevented you that you did not fall prostrate when I ordered you? Said he, I am better than him, You created me of fire and made him of clay.'



इब्लीस ने अपनी इबादत और रुत्वे के घमंड में आया और अल्लाह के हुक्म से इंकार कर दिया तो अल्लाह ने इब्लीस की इबादत और रुत्वे पर पानी पेर (बर्वाद) दिया और इब्लीस को शैतान का दर्जा दे दिया,अल्लाह ने कहा है कि कयामत तक तुझ पर मेरी(अल्लाह) लानत रहेगी,और न्याय के समय में तेरा ठिकाना जहन्नुम है,
सूरह आराफ़ आयत न.13
He said, Get you down from here, it is not for you that you may behave proudly living here, get out, you are amongst the degraded ones.
''उसने कहा, तुम यहां से चले जाओ, यह तुम्हारे लिए नहीं है कि तुम यहां गर्व से रह सकते हो, बाहर निकलो, तुम अपमानित में से हो।''


तभी इब्लीस ने कहा: या अल्लाह तेरा एक हुक्म न मानने पर जिस आदम की वजह से तूने मुझसे और मेरी इबादत और रुतवा छीन कर मुझे शैतान करार दे दिया,

आदम और आदम की औलाद को तेरा एक भी हुक्म मानने नहीं दूंगा,और उन्हें बहका ऊगा,

और जिस आदम की वजह से तूने सिर्फ एक हुक्म की बजह से मुझे शैतान बना दिया उसी की औलाद एक दिन तेरे हुक्म को नहीं मानेगी तब तो उनके साथ क्या करेगा

अल्लाह ने कहा तू कुछ जगह को छोड़ कर हर जगह जा सकता है तू जिसे बहका सकता है बहका लेकिन जो मेरे खास बंदे जो है वह तेरे बहकाबे में नहीं आएंगे,और जो लोग तेरे बहकाने में आयेगे उन्हें भी में तेरे साथ जहन्नुम में झोक दुगा

फिर अल्लाह ने फिर आदम से कहा इब्लीस (शैतान) तुम्हारा खुला दुश्मन है,तो साबधान हो जाओ

सूरह निसा आयत न. 1
' ऐ लोगो! अपने रब से डरो जिसने तुम्हें एक ही इंसान से पैदा किया और उसके अन्दर से उसकी साथी बीबी(हव्वा) को पैदा किया और उस जोड़े से बहुत से मर्द और औरतें फैला दीं और अल्लाह से डरो, जिसके नाम से तुम (अपने हक़) माँगते हो और रिश्तों के बन्धनों पर ध्यान दो। निश्चित रूप से। अल्लाह आपको हर समय देख रहा है।
'O people! fear your Lord Who created you from a single soul and made its mate from within it, and from that pair spread many men and women and fear Allah in Whose name you ask for (your rights) and pay attention to the ties of relationship. Undoubtedly. Allah is watching you all time.
सूरह अल अनआम आयत न. 98
''और वही है जिसने तुम्हें एक ही आत्मा(इंसान) से उत्पन्न किया है, फिर (हर आत्मा के) करार की जगह (माँ का पेट) मुक़र्रर है और निस्संदेह, हमने समझदार लोगों के लिए संकेतों को विस्तार से समझाया है"
"And it is He who has produced you from a single soul, then you have to stay some where and to remain as repository at some other place. Undoubtedly, We have explained the signs in detail for a people of understanding"