विवरण (Explanation):-
लूट :- सब प्रकार की लूट में चोरी या जबरन वसूली होती है
चोरी कब लूट है - चोरी तब लूट मानी जाएगी, यदि उस चोरी को करने के लिए, या उस चोरी के करने में या उस चोरी द्वारा अभिप्राप्त सम्पत्ति को ले जाने या ले जाने का प्रयत्न करने में, अपराधी उस उद्देश्य से स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मॄत्यु, या चोट या उसका सदोष अवरोध या तत्काल मॄत्यु का, या तत्काल उपहति का, या तत्काल सदोष अवरोध का भय कारित करता या कारित करने का प्रयत्न करता है । 

जबरन वसूली कब लूट है :- उद्दापन “लूट” है, यदि अपराधी वह उद्दापन करते समय भय में डाले गए व्यक्ति की उपस्थिति में है, और उस व्यक्ति को स्वयं उसका या किसी अन्य व्यक्ति की तत्काल मॄत्यु या तत्काल उपहति या तत्काल सदोष अवरोध के भय में डालकर वह जबरन वसूली करता है और इस प्रकार भय में डालकर इस प्रकार भय में डाले गए व्यक्ति को जबरन वसूली की जाने वाली चीज उसी समय और वहां ही परिदत्त करने के लिए उत्प्रेरित करता है । 

स्पष्टीकरण :-  अपराधी का उपस्थित होना कहा जाता है, यदि वह उस अन्य व्यक्ति को तत्काल मॄत्यु के, तत्काल चोट के, या तत्काल सदोष अवरोध के भय में डालने के लिए पर्याप्त रूप से निकट हो । 

उदाहरण:
(क) क, य को दबोच लेता है, और य के कपड़े में से य का धन और आभूषण य की सम्मति के बिना कपटपूर्वक निकाल लेता है । यहां, क ने चोरी की है और वह चोरी करने के लिए स्वेच्छया य का सदोष अवरोध कारित करता है । इसलिए क ने लूट की है ।

(ख) क, य को राजमार्ग पर मिलता है, एक पिस्तौल दिखलाता है और य की थैली मांगता है । परिणामस्वरूप य अपनी थैली दे देता है । यहां क ने य को तत्काल उपहति का भय दिखलाकर थैली उद्दापित की है और उद्दापन करते समय वह उसकी उपस्थिति में है । अतः क ने लूट की है ।

(ग) क राजमार्ग पर य और य के शिशु से मिलता है । क उस शिशु को पकड़ लेता है और यह धमकी देता है कि यदि य उसको अपनी थैली परिदत्त नहीं कर देता, तो वह उस शिशु को कगार से नीचे फेंक देगा । परिणामस्वरूप य अपनी थैली परिदत्त कर देता है । यहां क ने य को यह भय कारित करके कि वह उस शिशु को, जो वहां उपस्थित है, तत्काल उपहति करेगा, य से उसकी थैली उद्दापित की है । इसलिए क ने य को लूटा है । 

(घ) क, य से यह कह कर, सम्पत्ति अभिप्राप्त करता है कि “तुम्हारा शिशु मेंरी टोली के हाथों में हैं, यदि तुम हमारे पास दस हजार रुपया नहीं भेज दोगे, तो वह मार डाला जाएगा ।” यह उद्दापन है, और इसी रूप में दण्डनीय है ; किन्तु यह लूट नहीं है, जब तक कि य को उसके शिशु की तत्काल मॄत्यु के भय में न डाला जाए ।